Thursday, September 11, 2014

ईसीएल के झांझरा एरिया के प्रबंधक ने आम मज़दूरों को अपने झाँसे में लाने के लिए "ख़ान मज़दूर कर्मचारी यूनियन" के खिलाफ अख़बारों में शुरू किया प्रचार


. लेकिन इसका असर उल्टा ही पड़ा. आम मज़दूरों को मालूम है कि यही एक यूनियन है जिसका एक भी नेता अन्य यूनियनों के नेता के आचरण के विपरीत बिना काम किए वेतन नहीं लेता है. इसका प्रभाव यह पड़ा क़ि प्रबंधक के ऐसे बयान से आम मज़दूर और भी अधिक जागरूक हुए हैं और वे  "ख़ान मज़दूर कर्मचारी यूनियन" पर और भी अधिक भरोसा करने लगे हैं... 

No comments:

Post a Comment