ईसीएल के झांझरा एरिया के प्रबंधक ने आम मज़दूरों को अपने झाँसे में लाने के लिए "ख़ान मज़दूर कर्मचारी यूनियन" के खिलाफ अख़बारों में शुरू किया प्रचार
"जब सर्वहारा विजयी होता है, तो वह समाज का कदाचित निरपेक्ष पहलू नहीं बनता है, क्योंकि वह केवल अपना और अपने विरोधी का उन्मूलन करके ही विजयी होता है. तब सर्वहारा लुप्त हो जाता है और साथ ही उसके विरोधी का, स्वयं निजी सम्पति का भी, जो उसे जन्म देती है, लोप हो जाता है.."
Thursday, September 11, 2014
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment