कोलियरी में बायोमेट्रिक हाज़िरी की व्यवस्था को लागु करने, खदानों और दफ्तरों में सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने और मज़दूरों के टोपी पर जी.पी.आर एस. चिपकाने और इस तरह मज़दूरों व कर्मचारियों की साँसों तक पर पहरा बैठा देने की सरकारी व प्रबंधकीय साजिश के खिलाफ झांझरा एरिया के मज़दूरों के संयुक्त समर्थन के बल पर संघर्ष को शुरू करने की तैयारी शुरू ……
झांझरा एरिया में चली अधूरी लड़ाई (क्योंकि तमाम दूसरे सेंट्रल ट्रेड यूनियनों द्वारा लड़ाई में पीठ दिखाने के कारण लड़ाई बीच में ही बिखर गयी थी) झांझरा में संघर्ष पुनः अकेले दम पर शुरू करने और फिर उसे पूरे ई.सी.एल.में फैला देने की आई.एफ.टी.यू की मुहीम शुरू
झांझरा के व्यापक मज़दूरों की मांग तो यह थी क़ि आई.एफ.टी.यू अभी तुरंत गेट और पीट मीटिंग शुरू कर दे और लड़ाई का एलान करे. लेकिन खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन की केंद्रीय कमिटी में हुई बैठक में और आई.एफ.टी.यू के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत में तमाम ठोस परिस्थितियों की समीक्षा के बाद यह तय किया गया कि ----
१. एक पर्चे, जिसमें विस्तार से यह लिखा होगा कि हम इनका विरोध क्यों कर रहे हैं, के माध्यम से पूरे ई.सी.एल में प्रचार अभियान चलाया जाए और इस बीच झांझरा में लड़ाई को केंद्र बनाया जाए
२. खास झांझरा में लड़ाई शुरू करने के पहले लड़ाई के तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं पर झांझरा के व्यापक मज़दूरों से प्रत्यक्ष संवाद कायम किया जाए. इसके साथ-साथ पीट मीटिंग भी किया जाए.
३. इस तरह व अन्य तरीको से मज़दूरों से गहन संवाद करने के बाद इसके प्रभावों को समेटने के लिए तथा आर-पार की लड़ाई शुरू करने के पहले पहले झांझरा के मज़दूरों का प्रदर्शन किया जाए और फिर झांझरा में ही केंद्रित होकर लेकिन पूरे ई.सी.एल. के (या कम से कम आई.एफ.टी.यू. प्रभाव वाले ७ एरिया के ) मज़दूरों का झांझरा एरिया ऑफिस पर संयुक्त प्रदर्शन किया जाए.
४. अगर संघर्ष के ये सारे कदम सफलतापूर्वक उठा लिए जाते हैं तो फिर झांझरा में आर-पार की लड़ाई शुरू की जा सकती है और की जानी चाहिए।
५.इस तरह हम शुरु से ही झांझरा की लड़ाई के पक्ष में पूरे ई.सी.एल. के मज़दूरों का समर्थन प्राप्त करने में सफल हो सकेंगे।
६. फिर भी परिस्थितियां हम पर अन्य दूसरे क्रम में जाने के लिए विवश कर सकती हैं और हमें उनके लिए भी तैयार रहना चाहिए।
७. झांझरा के बाहर पूरे ई.सी.एल. के व्यापक मज़दूरों का समर्थन हमें अवश्य मिलेगा, इस उम्मीद की ठोस वज़ह यह है कि मज़दूर यह जानते हैं क़ि अगर लड़ाई हम झांझरा में हार जाते हैं, तो निस्संदेह फिर इस बायोमेट्रिक सिस्टम आदि को पूरे ई.सी.एल. में प्रबंधन आसानी से लागु कर लेगा। ज्ञातव्य हो कि झांझरा पूरे ई.सी.एल. में अव्वल स्थान पर है और इसीलिए मज़दूर अगर यहाँ ताकत लगा कर लड़ाई में प्रबंधन को पीछे धकेलने में सक्षम हो जाते हैं, तो फिर इसे पूरे ई.सी.एल. में कही भी लागू करना मुश्किल ही नहीं असंभव हो जाएगा।
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झांझरा एरिया में चली अधूरी लड़ाई (क्योंकि तमाम दूसरे सेंट्रल ट्रेड यूनियनों द्वारा लड़ाई में पीठ दिखाने के कारण लड़ाई बीच में ही बिखर गयी थी) झांझरा में संघर्ष पुनः अकेले दम पर शुरू करने और फिर उसे पूरे ई.सी.एल.में फैला देने की आई.एफ.टी.यू की मुहीम शुरू
झांझरा के व्यापक मज़दूरों की मांग तो यह थी क़ि आई.एफ.टी.यू अभी तुरंत गेट और पीट मीटिंग शुरू कर दे और लड़ाई का एलान करे. लेकिन खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन की केंद्रीय कमिटी में हुई बैठक में और आई.एफ.टी.यू के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत में तमाम ठोस परिस्थितियों की समीक्षा के बाद यह तय किया गया कि ----
१. एक पर्चे, जिसमें विस्तार से यह लिखा होगा कि हम इनका विरोध क्यों कर रहे हैं, के माध्यम से पूरे ई.सी.एल में प्रचार अभियान चलाया जाए और इस बीच झांझरा में लड़ाई को केंद्र बनाया जाए
२. खास झांझरा में लड़ाई शुरू करने के पहले लड़ाई के तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं पर झांझरा के व्यापक मज़दूरों से प्रत्यक्ष संवाद कायम किया जाए. इसके साथ-साथ पीट मीटिंग भी किया जाए.
३. इस तरह व अन्य तरीको से मज़दूरों से गहन संवाद करने के बाद इसके प्रभावों को समेटने के लिए तथा आर-पार की लड़ाई शुरू करने के पहले पहले झांझरा के मज़दूरों का प्रदर्शन किया जाए और फिर झांझरा में ही केंद्रित होकर लेकिन पूरे ई.सी.एल. के (या कम से कम आई.एफ.टी.यू. प्रभाव वाले ७ एरिया के ) मज़दूरों का झांझरा एरिया ऑफिस पर संयुक्त प्रदर्शन किया जाए.
४. अगर संघर्ष के ये सारे कदम सफलतापूर्वक उठा लिए जाते हैं तो फिर झांझरा में आर-पार की लड़ाई शुरू की जा सकती है और की जानी चाहिए।
५.इस तरह हम शुरु से ही झांझरा की लड़ाई के पक्ष में पूरे ई.सी.एल. के मज़दूरों का समर्थन प्राप्त करने में सफल हो सकेंगे।
६. फिर भी परिस्थितियां हम पर अन्य दूसरे क्रम में जाने के लिए विवश कर सकती हैं और हमें उनके लिए भी तैयार रहना चाहिए।
७. झांझरा के बाहर पूरे ई.सी.एल. के व्यापक मज़दूरों का समर्थन हमें अवश्य मिलेगा, इस उम्मीद की ठोस वज़ह यह है कि मज़दूर यह जानते हैं क़ि अगर लड़ाई हम झांझरा में हार जाते हैं, तो निस्संदेह फिर इस बायोमेट्रिक सिस्टम आदि को पूरे ई.सी.एल. में प्रबंधन आसानी से लागु कर लेगा। ज्ञातव्य हो कि झांझरा पूरे ई.सी.एल. में अव्वल स्थान पर है और इसीलिए मज़दूर अगर यहाँ ताकत लगा कर लड़ाई में प्रबंधन को पीछे धकेलने में सक्षम हो जाते हैं, तो फिर इसे पूरे ई.सी.एल. में कही भी लागू करना मुश्किल ही नहीं असंभव हो जाएगा।
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