Sunday, September 21, 2014

 झांझरा खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन के संघर्षरत मज़दूरों ने की  ई.सी.एल. सहित कोयलांचल के तमाम मज़दूरों से संघर्ष में कुदने  और यूनियन की बनाबटी चहारदीवारी तोड़ शानदार वर्गीय एकता कायम करने की अपील   

 आज  से झांझरा कोलियरी एरिया में खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन से जुड़े जाबांज़ मज़दूरों ने आगे बढ़कर थाम ली है  
बायोमेट्रिक अटेंडेंस तथा  ई.सी.एल. प्रबंधन के अन्य सभी दूसरे मज़दूर विरोधी नापाक इरादों के खिलाफ संघर्ष की मशाल   

झांझरा प्रबंधन ने एकमात्र बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के माध्यम से हाज़िरी कराने का निर्णय थोपा, तो खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन से जुड़े जाबांज़ मज़दूरों ने किया इसे मानने से सीधे-सीधे इंकार


Tuesday, September 16, 2014

बायोमेट्रिक अटेंडेंस के खिलाफ संघर्ष जारी है
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15  .09.14) को केंदा एरिया में बायोमेट्रिक अटेंडेंस के खिलाफ मज़दूरों 
का आक्रोश प्रदर्शन हुआ। मज़दूरों ने यहाँ भी खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन के 
वर्तमान संघर्ष को और आगे बढ़ाने के पक्ष में समर्थन दिया।  













बायोमेट्रिक अटेंडेंस और मज़दूरों की टोपियों में जी.पी.आर.एस. लगाने के खिलाफ संघर्ष जारी है
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दिनांक 13.04.14 को नकराकोण्डा कोलियरी में हुई मज़दूरों की सभा में मज़दूरों ने 

अपनी तालियों की गड़गड़ाहट से खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन के वर्तमान संघर्ष को 
और आगे बढ़ाने के पक्ष में जबर्दस्त समर्थन किया






Saturday, September 13, 2014

बायोमेट्रिक अटेंडेंस और मज़दूरों की टोपियों में जी.पी.आर.एस. लगाने के खिलाफ संघर्ष जारी   

 कल (12.08.14) झांझरा में हुआ 
मज़दूरों का  आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन





    

Friday, September 12, 2014

देश के तमाम छोटे-बड़े उद्योगों व कार्यालयों में 
कार्यरत वर्ग-सचेत मज़दूरों, क्रांतिकारी मज़दूर 
मेहनतकश संगठनों, संघर्षशील व बहादुराना ट्रेड 
यूनियनों तथा व्यक्तियों के नाम एक सन्देश !!


ईसीएल में कोयला मज़दूरों के द्वारा चलाये जा रहे "बायोमेट्रिक अटेंडेंस विरोधी आंदोलन" के समर्थन में खड़े हों  

देश के सभी कारखानों, फैक्टरियों, कार्यालयों और कार्य स्थलों पर लागू किये जा रहे बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के विरुद्ध संगठित और लामबंद हो और संघर्ष खड़ा करें

क्यों ?  इसलिए क्योंकि

i) "बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम" मज़दूरों-कामगारों की निजता, स्वतंत्रता और उनकी आज़ादी व जनवाद पर और इसलिए हमारे मौलिक व सहज मानवीय अधिकारों पर सीधा हमला करता है। "बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम" दरअसल अटेंडेंस सिस्टम कम, हमारे शरीर के महीन अंगों व हिस्सों जैसे आँख, आँख का रेटिना, चेहरा, फिंगर लाइन्स, यहाँ तक कि नस, डी.एन.ए आदि के बायोमेट्रिक स्कैन के जरिये हमसे जुड़ी हमारी तमाम निजी यूनिक (विलक्षण) जानकारियों को लेकर एक डाटाबेस तैयार करने का एक उद्योग ज्यादा परिलक्षित होता है ( दिखाई देता है)। हमारे पूंजीवादी रोजगारदाताओं और हमारे देश की उत्पादन परिस्थितियों के स्वामियों को हमारे देश का (पूंजीवादी) संविधान और कानून यह हक़ जरूर देता है कि वे हमारी उपस्थिति दर्ज़ करें और इसके लिए मौजूदा विश्व में उपलब्ध तमाम तरह के आधुनिक तथा दक्ष से दक्ष उपकरणों का इस्तेमाल करें, लेकिन इन्हें यह अधिकार कतई नहीं है कि वे हमारी पूरी तरह निजी व  अत्यंत संवेदनशील, सूक्ष्म व विलक्षण शारीरिक जानकारियों को हथिया लें और फिर उनका एक डाटाबेस तैयार करके उसे ऑनलाइन कर दें। "बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम" के नाम पर कुछ ऐसा ही किये जाने की पुख्ता संभावनाएं है। इसके हम अनेको खतरे गिना सकते हैं और फिर इसके जवाब में प्रबंधन या मालिक व सरकारी लोग "खतरे नहीं हैं" के पक्ष में दर्जनों तर्क दे या दिला सकते हैं, हम इस पर बाद में बात/चर्चा करेंगे, लेकिन हमारा सबसे पहला विरोध ठीक इसी बात को लेकर है कि प्रबंधन को हमारे शरीर से जुड़ीं अतिसूक्ष्म जानकारी चाहिए ही क्यों? हमारी हाजिरी लगाने के नाम पर हमारे शरीर की सूक्ष्म जानकारियों को संगृहित करने का अधिकार इन्हें किसने दिया है? प्राकृतिक न्याय की दृष्टि से या किसी अन्य दृष्टि से भी यह पूरी तरह स्पष्ट है कि सरकारी या गैरसरकारी "एम्प्लायर" होने के नाते और पूंजी के प्रत्यक्ष स्वामी होने के नाते भी उन्हें अपने मातहतों के साथ ऐसा व्यवहार करने का कोई हक़ नहीं है। लेकिन क्योंकि सत्ता पूंजीपतियों तथा उनके लगुए-भगुए की है, कोर्ट-कचहरी भी उनके ही हैं, फौजी वर्दी की ताकत भी उनके पास ही है, तो बिना किसी चीज़ का ख्याल किये वे जबरदस्ती इसे लागू करते हैं और कर रहे हैं। इन सबके अतिरिक्त सरकार, प्रबंधन और हमारे 'रोजगारदाताओं' के पास "बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम" मज़दूरों-कामगारों-कर्मचारियों पर लादने का नैतिक बल या और कोई  तर्क नहीं है। ( यह लेख आगे जारी रहेगा ……… )

Thursday, September 11, 2014

खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन का पाण्डेश्वर एरिया के प्रबंधन को प्रेषित चार्टर ऑफ डिमांड्स 







बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सिस्टम के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बारे में अखबारों की कतरनों से



ईसीएल के झांझरा एरिया के प्रबंधक ने आम मज़दूरों को अपने झाँसे में लाने के लिए "ख़ान मज़दूर कर्मचारी यूनियन" के खिलाफ अख़बारों में शुरू किया प्रचार


. लेकिन इसका असर उल्टा ही पड़ा. आम मज़दूरों को मालूम है कि यही एक यूनियन है जिसका एक भी नेता अन्य यूनियनों के नेता के आचरण के विपरीत बिना काम किए वेतन नहीं लेता है. इसका प्रभाव यह पड़ा क़ि प्रबंधक के ऐसे बयान से आम मज़दूर और भी अधिक जागरूक हुए हैं और वे  "ख़ान मज़दूर कर्मचारी यूनियन" पर और भी अधिक भरोसा करने लगे हैं... 

Wednesday, September 10, 2014

ई.सी.एल. में बायोमेट्रिक हाज़िरी मज़दूरों पर थोपने, खदानों और ऑफिस के अंदर सी.सी.टी.भी. कैमरा लगाने और निकट भविष्य में मज़दूरों की टोपियों पर जी.पी.आर.एस लगाने आदि के खिलाफ खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन (आई.एफ.टी.यू.) के नेतृत्व में संघर्ष जारी.


आज़ 10.09.2014 को सुबह 10.30 बजे पांडेश्वर के डी.भी.सी. मोड़ से रॅली निकला और लगभग 11 बजे पांडेश्वर क्षेत्रीय ऑफीस पहुँचा. साथी जामबंत राम ने ऑफीस के समक्ष हुई सभा का संचालन किया.मुख्य वक्ता के तौर पर ख़ान मज़दूर कर्मचारी यूनियन के महासचिव कामरेड कन्हाई ने विस्तार से विषय पर बात रखी.  









Tuesday, September 9, 2014

ई.सी.एल. में बायोमेट्रिक हाज़िरी मज़दूरों पर थोपने, खदानों और ऑफिस के अंदर सी.सी.टी.भी. कैमरा लगाने और निकट भविष्य में मज़दूरों की टोपियों पर जी.पी.आर.एस लगाने आदि के खिलाफ खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन (आई.एफ.टी.यू.) के नेतृत्व में संघर्ष जारी है 

नीचे झांझरा एरिया में हुए कुछ पीट सभाओं के कुछ फोटो  













     
एवं अन्य कार्यक्रमों के बारे अब तक प्राप्त सूचना इस प्रकार है

1 ) 10. 09. 2014 (आज 10 बजे से) --- पाण्डेश्वर एरिया विक्षोभ प्रदर्शन व मांगपत्र पेश करना 
2 ) 12.09.2014 --- झांझरा एरिया विक्षोभ प्रदर्शन व मांगपत्र पेश करना 
3 ) 15. 09 . 2014 --- केंदा एरिया विक्षोभ प्रदर्शन व मांगपत्र पेश करना