"जब सर्वहारा विजयी होता है, तो वह समाज का कदाचित निरपेक्ष पहलू नहीं बनता है, क्योंकि वह केवल अपना और अपने विरोधी का उन्मूलन करके ही विजयी होता है. तब सर्वहारा लुप्त हो जाता है और साथ ही उसके विरोधी का, स्वयं निजी सम्पति का भी, जो उसे जन्म देती है, लोप हो जाता है.."
Monday, August 11, 2014
आईएफटीयू से सम्बद्ध खान मज़दूर कर्मचारी यूनियन के विशेष सम्मलेन के अवसर पर जारी पोस्टर और पर्चा
सम्मलेन स्थल : सम्मिलनी कम्युनिटी हॉल, शहीद कामरेड सुनीलपाल नगर, हरिपुर, रानीगंज (बर्द्धवाण )
तारीख और समय : 25 अगस्त, 2014, सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक
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