यूक्रेन से अलग हुए डोंबास जन गांजराज्य में स्थित ज़ुग्रेस
वर्क्स ऑफ़ एनर्जी-मैकेनिकल इंजीनियरिंग के मज़दूरों नें
फैक्ट्री प्लांट पर नियंत्रण कायम किया, उन्हें आइ.एफ.टी.यू
के तरफ से लाल सलाम और क्रांतिकारी अभिनन्दन
इस फैक्ट्री में भारी उद्योग में इस्तेमाल किये जाने वाले क्रेन एवं सामग्री का निर्माण होता है, जिसका बाज़ार स्थानीय उद्योगों के अलावा, भारत, वियतनाम इत्यादि कई राष्ट्रों भी हैं | मजदूरों नें अपनी घोषणापत्र “अस्थायी फैक्ट्री मैनेजर के चुनाव पर” जारी किया है. इस घोषणा पत्र में बाकी नियमों के अलावा, मैनेजर के उत्तरदायित्व और चुनाव की प्रक्रिया के बारे में जिक्र किया गया है | सूत्रों के मुताबिक यह घोषणापत्र मजदूरों और ज़ुएव्स्क्य शहर के अधिकारिओं के समन्यवय से तैयार किया गया है|
घोषणापत्र के कुछ महत्वपूर्ण नियम है
१ प्लांट के मजदूरों का मैनेजर पर पूरा नियंत्रण होगा
२ प्लान मजदूरों को किसी भी मैनेजर को हटाने की आज़ादी होगी, किसी भी मैनेजर को हटाने के लिए उसके खिलाफ २/३ मतों का होना आवश्यक होगा|
३. मैनेजर के वेतन औसत मजदूर के वेतन से अधिक नहीं होगा| बोनस मजदूर के सामूहिक मतदान से तय होगी|
४ मैनेजर वार्षिक छुट्टी के हक़दार है| अवकाश की अवधि और मुआवजा मजदूर वोट के द्वारा तय करेंगे
इस तरीके से मजदूरों ने पूंजीपतियों की चाकरी करने वाले तथा मजदूरों का शोषण करने वाले प्रबंधन को पूरी तरह से खत्म कर दिया है और उत्पादन को खुद के हात में लेने का निर्णय किया है|
हालाँकि विस्तृत जानकारी के आभाव में अभी बहुत कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं, फिर भी एक बात जो पूरी तरह से साबित होती है की पूंजीवादी संकट के दौरान मजदूर द्वारा निजी संपत्ति का समूहीकरण एक क्रन्तिकारी कदम है जिसका आने वाले दिनों में सर्वहारा आन्दोलन पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा|
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