Tuesday, October 25, 2016

महान अक्टूबर रूसी समाजवादी क्रांति जिंदाबाद!

पुराने कैलेंडर के अनुसार, आज ही के दिन (25 अक्टूबर 1917) लेनिन एवं स्तालिन के नेतृत्व में बोल्शेविकों के द्वारा महान रूसी समाजवादी क्रांति सम्पन्न हुई थी। वैसे अब नये कैलेंडर के अनुसार इसे नवम्बर क्रांति के रूप में ज्यादा याद किया जाता है जिसके अनुसार यह क्रांति 7 नवम्बर 1917 को सम्पन्न हुई। इसी के साथ हम रूसी समाजवादी क्रांति के शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। आइये, पूरे जोश से पूरे वर्ष (7 नवम्बर 2016 से 7 नवम्बर 2017 तक) हम यह बात लोगों के बीच प्रचारित व प्रसारित करने में विशेष/अतिरिक्त जोर लगाएं कि हालांकि स्तालिन की मृत्यु के पश्चात् ख्रुश्चेव की गद्दारी के कारण नवम्बर क्रांति और प्रथम कामयाब समाजवाद की वह महान धरती हमसे छीन गयी, लेकिन एक समय ऐसा था जब इस दुनिया के एक बड़े देश सोवियत यूनियन में पूँजीपतियों और जमींदारों से रहित शोषणविहीन व्यवस्था कायम हुई थी और जो 34 सालों तक न सिर्फ टिकी रही, अपितु इतने छोटे काल में ही सम्पूर्ण मानव विकास केे वैसे सारे महान रिकॉर्ड अपने नाम हासिल कर लिए, जिन्हें हासिल करने में 250 सालों का बूढ़ा पूँजीवाद जीवनपर्यंत असफल रहा। रूसी सोवियत समाजवाद एक ऐसा राज्य था जो बेरोजगारी और आर्थिकी मंदी जैसी बीमारी, जो आज के आधुनिक युग में सबसे बड़ी लाइलाज पूँजीवादी महामारी बन चुकी है, से पूरी तरह मुक्त था। इतना ही नहीं, इसने फासीवाद को द्वितीय विश्वयुद्ध में भारी कुर्बानी देकर जिस तरह शिकस्त दी और जिस उदात्त भावना से समस्त मानवजाति की रक्षा की, उसने साबित कर दिया कि सर्वहारा राज्य और सर्वहारा जनतंत्र ही हम सबका भविष्य है जिससे होकर मानवताजाति मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण से पूरी तरह मुक्त और नेशन, जेंडर तथा कास्ट की असमानता सहित अन्य सभी तरह के उत्पीड़न का खात्मा कर देने वाली समाज व्यवस्था को बनाने और पूरे समाज को इस आधार पर पुनर्गठित करने का कार्यभार पूरा करेगी। लेनिन और स्टालिनकालीन सोवियत समाजवाद ने यह व्यवहार में दिखाया कि हम एकमात्र सर्वहारा राज्य से गुजरकर ही पूरी तरह से मुक्त मानव का दिग्दर्शन कर सकेंगे और सोवियत समाजवादी राज्य जैसे राज्य से गुजरकर ही मानवजाति समानता के अधिकार के संकुचित पूँजीवादी मानकों के उस पार यानि पूरी तरह से एक नए क्षितिज में छलांग लगा सकेगी। आइये, इस नए क्षितिज के द्वार खोलने वाली रूसी समाजवादी क्रांति शताब्दी वर्ष के आगमन का दिल खोलकर स्वागत करें और सालों भर इसकी यादों और उपलब्धियों को और सोवियत समाजवाद की सच्चाइयों को, जिन्हें पूँजीवाद-साम्राज्यवाद हमेशा से झूठे मनगढंत तथ्यों के बल पर और गढ़ी हुई झूठी कहानियों के जरिये नकारने की चेष्टा करता रहा है, पूरे जनगण के बीच ले जाएं और प्रचारित करें और उससे सबक और हिम्मत ग्रहण करें।
महान अक्टूबर रूसी समाजवादी क्रांति जिंदाबाद!
विश्व-सर्वहारा के महान शिक्षक कामरेड लेनिन और कामरेड स्तालिन अमर हैं!
पूँजीवाद-साम्राज्यवाद की हार और मज़दूर वर्ग की विजय होकर रहेगी!!

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